अहंकार ही मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन है : पंडित अशोक कुमार मिश्रा
जरवल, बहराइच।
व्यक्ति को अहंकार नहीं करना चाहिए, अहंकार बुद्धि और ज्ञान का हरण कर लेता है। अहंकार ही मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। जरवल ब्लॉक के हरचन्दा कोरिनपुरवा में स्थित मां सम्मय माता स्थान पर चल रही नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा आयोजन के पंचम दिवस पर आचार्य पंडित अशोक कुमार मिश्रा जी महाराज ने यह बात कही। श्री व्यास ने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का प्रसंग सुनाया। श्रीकृष्ण की जन्म कथा का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे। कथा व्यास पंडित अशोक कुमार मिश्रा जी महराज ने बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो
उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं। भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। शास्त्री ने कहा कि जब-जब धरती पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं। जैसे ही कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ पूरा पंडाल जयकारों से गूंजने लगा। श्रद्धालु भक्ति में लीन होकर जमकर
झूमे श्रीकृष्ण जन्म उत्सव पर नन्द के आनंद भयो जय कन्हैयालाल की भजन प्रस्तुत किया तो श्रद्धालु भक्ति में खूब थिरके एक-दूसरे को श्रीकृष्ण जन्म की बधाईयां दी गई, एक-दूसरे को खिलौने और मिठाईयां बाटी गई। कथा महोत्सव में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भजन प्रदुम कर भगवान श्री कृष्ण के जन्म की खुशियां मनाई। यजमान रामनिवास चौहान रक्षाराम नेवाज सबुरे व अन्य भक्त गण मौजूद रहे
ब्यूरो - रिपोर्ट - समी अहमद' कबीर
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| फाइल फोटो : पंडित अशोक कुमार मिश्रा |
