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फाइल फोटो : इंडियन बैंक नंदवल ( गजाधरपुर) |
गजाधरपुर / बहराइच
साढ़े 9 बजे का है बैंक खुलने का आदेश, फिर भी बैंक कर्मचारी कर रहे मनमानी,
जनपद बहराइच के फखरपुर इलाके में मौजूद नंदवल शाखा का इलाहबाद बैंक ( इंडियन बैंक ) आजकल अपने लापरवाही के लिए मशहूर है,
कई बार स्थानीय पत्रकारों द्वारा बैंक के विरुद्ध कार्यशैली पर खबरें प्रकाशित व न्यूज़ चैनलों पर चलाई गई है, फिर भी बैंक कर्मचारियों को कोइ टेंशन नहीं है,
क्या है पूरा मामला,
बताते चले की की दिनांक 13/05/2025 को सोसल मीडिया पर एक फोटो वायरल हुवा है जिसमे समय सारणी के अनुसार बैंक कर्मचारियों पर सवालों के बादल मंडरा रहे है, नियम के अनुसार बैंक सुबह साढ़े नौ बजे खुल जाना चाहिए, लेकिन इंडियन बैंक लोकेशन छाया प्रति के अनुसार 10.17 Am तक भी नहीं खुलता है, बैंक में मौजूद ख़ाताधारको से पता करने पर पूरा खुलासा हुवा, की बैंक कर्मचारी मनमानी करते है और बैंक देर में खोलते है और जल्दी बंद करते है!
घंटो लाइन में खड़े होने के बाद भी गरीबों को नहीं मिलती सुविधा, और VIP लोगों को कॉउंटर के पीछे के दरवाजे से बैंक कर्मचारी देते है सुविधा, वीडिओ सोशल मीडिया पर स्थानीय पत्रकार द्वारा वायरल है
बीते कुछ महीनों पहले इंडियन बैंक शाखा नंदवल ( गजाधरपुर) का एक वीडिओ स्थानीय पत्रकार समी अहमद' कबीर के फेसबुक प्लेटफार्म पर वायरल हुवा था, जिसमे पत्रकार VIP कल्चर के खिलाफ बैंक कर्मचारियों से बहस करते हुए नजर आ रहे थे, और वीडिओ में साफ दिखाई दिया था, कि एक VIP शख्स को कॉउंटर के पीछे से बैंक कर्मचारियों द्वारा सुविधा दी गई थी, जिसपे जमकर पत्रकार व बैंक कर्मचारियों कि बहस भी हुई थी,
वीडिओ वायरल होने के बाद भी नहीं हुई थी करवाई, और अभी तक कर्मचारियों द्वारा मनमानी करने कि आती है शिकायते
बताते चले कि ज़ब बैंक कर्मचारियों का VIP सुविधा का वीडिओ फेसबुक सोसल मीडिया पर वायरल हुवा उसके बाद भी करवाई नहीं हुई, जिससे कर्मचारियों के हौसले और बुलंद हुए और आये दिन गरीब तबके के खाताधारक से करते रहते है दुर्व्यवहार, जिससे जनमानस में बहुत नाराजगी, आखिर कबतक बैंक कर्मचारियों को मिलेगी मनामानी करने कि छुट,?
क्या स्थानीय नेताओ व जनप्रतिनिधियों का मिला है बैंक कर्मचारियों को संरक्षण?
मौक़े पर जाँच करने पहुंची मीडिया टीम ने ज़ब स्थानीय खाताधारको से पूंछताछ कि तो जो मामला निकल कर सामने आया,
विस्तार से पढ़े
- ज्यादातर लेन देन VIP कल्चर जैसे ( प्रधान, सरकारी कर्मचारी, ठेकेदार,जिलापंचायत सदस्य, कारोबारी जैसे लोगों का होता है,
- VIP कल्चर लोगों को साइड दरवाजे से सीधे बैंक मैनेजर के कमरे में जाते है और बिना लाइन लगाकर उनको पैसे का लेन देन हो जाता है
- गरीब तबके के खाताधारक लगाते है घंटो लाइन और होते है कर्मचारियों के गुस्से का शिकार,
- चपरासी से लगातार बैंक मैनेजर तक सब दो नजरिये वाला करते है बर्ताव,
- समय सारणी के खिलाफ 1 घंटे लेट खुलवाते है बैंक, और बोलने पर दिखाते है कर्मचारी रौब,
क्या मिलेगी समय सारणी के नियम से खाताधारको को सुविधाये या फिर ऐसे ही मामला ठंडे बसते में पड़ा रहेगा...
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