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फाईल फोटो |
कॉलेज परिसर में अब छात्राएं हिजाब व बुरक़ा पहन सकती हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा छात्राओं को यह स्वतंत्रता होनी चाहिए कि वे क्या पहनें।
यह फैसला देश की उन तमाम बेटियों के हक़ में है जो अपनी धार्मिक पहचान के साथ शिक्षा प्राप्त करना चाहती हैं।
अब कोई भी शिक्षण संस्थान (कॉलेज, विद्यालय, यूनिवर्सिटी) छात्राओं को हिजाब या बुरक़ा पहनने से नहीं रोक सकता।
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि
धार्मिक विश्वास के साथ पढ़ाई करना मौलिक अधिकार है।
ड्रेस कोड लागू हो सकता है, लेकिन यह संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं कर सकता।
हर छात्रा को अपनी पहचान और गरिमा के साथ जीने का हक़ है
यह फैसला न सिर्फ संविधान की जीत है, बल्कि देश की बहन-बेटियों के आत्मसम्मान और शिक्षा के अधिकार की भी रक्षा करता है।
ब्यूरो रिपोर्ट
मोहम्मद अरमान रजा कादरी
मंडल ब्यूरो चीफ देवी पाटन गोंडा
