नवजात चिकित्सा सेवाओं के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की गई है। यहाँ पहली बार एक नवजात शिशु पर एक्सचेंज ट्रांसफ्यूजन की जटिल एवं जीवनरक्षक प्रक्रिया सफलतापूर्वक की गई।
यह प्रक्रिया डॉ. विपुल अग्रवाल एवं डॉ. विकास की टीम द्वारा SNCU इंचार्ज डॉ. अरविन्द शुक्ला के मार्गदर्शन में सम्पन्न की गई
नवजात (B/o संजू w/o सुशील, निवासी – रेऊसा, जनपद सीतापुर) को अत्यधिक पीलिया (Severe Neonatal Hyperbilirubinemia) की गंभीर स्थिति में SNCU में भर्ती किया गया था। भर्ती के समय शिशु का सीरम बिलीरुबिन स्तर 46 mg/dl पाया गया, जो सामान्य स्तर से कई गुना अधिक था और मस्तिष्क को स्थायी क्षति पहुँचा सकता था।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए चिकित्सकों की टीम ने तुरंत एक्सचेंज ट्रांसफ्यूजन की प्रक्रिया प्रारम्भ की, जिसे सफलता पूर्वक पूरा किया गया। उपचार के बाद शिशु की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और अब वह पूर्णतः स्वस्थ है।
SNCU इंचार्ज डॉ. अरविन्द शुक्ला ने बताया कि —
“यह प्रक्रिया पहली बार बहराइच मेडिकल कॉलेज में की गई है। पहले इस प्रकार के गंभीर नवजातों को उपचार के लिए लखनऊ रेफर करना पड़ता था, लेकिन अब हमारे पास प्रशिक्षित टीम और सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। इससे जिले एवं आसपास के क्षेत्रों के नवजातों को समय पर जीवनरक्षक उपचार यहीं मिल सकेगा।”
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) संजय खत्री ने इस सफलता पर टीम को बधाई देते हुए कहा —
“SNCU टीम ने उत्कृष्ट कार्य किया है। यह उपलब्धि हमारे संस्थान की चिकित्सा क्षमता, टीम भावना और समर्पण को दर्शाती है। अब बहराइच मेडिकल कॉलेज नवजात गहन चिकित्सा सेवाओं में आत्मनिर्भर बन रहा है।”
शिशु के परिजनों ने चिकित्सकों और अस्पताल प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेज बहराइच की टीम ने उनके बच्चे को नई ज़िंदगी दी है।
यह सफलता न केवल मेडिकल कॉलेज बहराइच के लिए गर्व का विषय है, बल्कि जनपद एवं आसपास के जिलों के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य उपलब्धि है
ब्यूरो रिपोर्ट
मोहम्मद अरमान रजा कादरी
मंडल ब्यूरो चीफ देवी पाटन गोंडा
