कोठवल कलां के हाफिज निमतुल्लाह ने मदरसा रज्जाकिया मदीनातूल उलूम अहल ए मुहल्ला बासमंडी कानपुर में 6 दिनों में किया तराविह मुक़म्मल

फाइल फोटो : हाफ़िज़ नियामतउल्ला ' कोठवल कलां 

 बांसमण्डी / कानपुर उत्तर प्रदेश 

 कोठवल कलां फखरपुर बहराइच के निवासी मोहम्मद सत्तार अली के पुत्र हाफ़िज़ नियामतउल्लाह ने जिला कानपुर के बांसमंडी इलाके के मदरसा रज्जाकिया मदीनातूल उलूम में 6 दिनों में तरावीह मुक़म्मल की


  1. कोठवल कलां के मंसूरी समाज से तालुक रखते है हाफिज नियामतउल्लाह 
  2. पूरे परिवार में पहले हाफिज ए दीन है हाफिज नियामतउल्लाह 
  3. कोठवल कलां में खुशी की लहर 
  4. गाँव में अव्वल हाफिज जिन्होंने ने की 6 दिनों में तराविह मुक़म्मल : मोहम्मद सलमान मंसूरी ( भाई )
  5. हम अपने बच्चे को और भी पढ़ाएंगे : मोहम्मद सत्तार अली ( पिता )

बताते चले की हाफ़िज़ नियामतउल्लाह काफी समय से कुरान ए पाक की मुक़म्मल तिलावत कर रहे है, कई आलिम ए दीन के संगत में तालीम हासिल करने के बाद अब उन्होंने ने कानपुर में 6 दिनों में तरावीह मुक़म्मल की है, कोठवल कलां गाँव में उनके परिवार में इकलौते हाफिज ए कुरान बनने से पूरे गाँव व परिवार में खुशी का माहौल है,

हाफिज नियामतउल्लाह के वालिद करते है खेती व मजदूरी, फिर भी बच्चे को दी बेहतरीन पढ़ाई की सलाह 



मीडिया कर्मी समी अहमद कबीर से राब्ता करते हुए हाफिज नियामतउल्लाह के चचेरे भाई मोहम्मद सलमान मंसूरी ने बताया की भाई की मेहनत ने आज उन्हें गाँव में अववल हाफिज बना दिया, अभी तक कोठवल कलां गाँव से किसी भी आलिम वो दीन ने 6 दिनों में तरावीह नहीं मुक़म्मल की है,

हाफिज नियामतउल्लाह के वालिद मोहम्मद सत्तार अली एक छोटे किसान है और खेती बाड़ी करते है, गाँव वालों की सलाह पर अपने बेटे को अरबी उर्दू की पढ़ाई करने के लिए कानपुर में भेजा, जहाँ पर हाफिज नियामतउल्लाह ने हाफिज ए कुरान मुक़म्मल किया और अब कानपुर में ही तराविह मुक़म्मल किया,


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