कुंडासपारा / बहराइच
सेक्रेटरी व प्रधान प्रतनिधि की मिलीभगत से लगातार प्रसासन द्वारा 3 नोटिस जारी करने क़े बाद भी पंचायत सहायक नहीं पहुंची समीक्षा मीटिंग में
मामला उत्तर प्रदेश क़े जिला बहराइच क़े विकासखंड फखरपुर क़े ग्राम पंचायत कुंडासपारा का है, जहाँ पर सरकारी पैसे का दुरूपयोग अवैध तरीके से करने में सेक्रेटरी व प्रधान प्रतनिधि कर रहे है पंचायत सहायक की मदद "
![]() |
| फाइल फोटो : प्रसासन द्वारा भेजी गई तीसरी कारण बताओ नोटिस |
क्या है पूरा मामला, और कहाँ तक हुई करवाई,
बताते चले की लगभग 15 दिनों पहले मीडिया कर्मी समी अहमद कबीर को विकासखंड फखरपुर अंतर्गत क़े ग्राम पंचायत कुंडासपारा में एक जानकारी प्राप्त हुई, जिसमे करीबन 5 महीने की तनख्वाह पंचायत सहायक बिना हाजरी लगाए सरकार से ले रहीं है, और इस अवैध परिकरण में ग्राम प्रधान प्रतिनिधि व सेक्रेटरी कुंडासपारा पूरा समर्थन कर रहे है,
मुख्य बिंदु,
प्राप्त जानकारी क़े अनुसार ज़ब मीडिया कर्मियों की जानकारी मिली की कुंडासपारा में तैनात पंचायत सहायक श्रीमती प्रिया सिंह जिनकी शादी 6 माह पूर्व गोण्डा जिले से हुई, और वो अब जिला गोण्डा की निवासनी हो गई है,
कुंडासपारा पंचायत सहायक पद पर तैनात भी है और तनख्वाह भी ले रहीं है बिना डुइटी किये, ज़ब इसकी जानकारी उच्च अधिकारीयों को प्राप्त हुई तो उन्होंने अभीतक 3 कारण बताओ नोटिस भी जारी की, और समीक्षा मीटिंग में शामिल होने क़े अनिवार्य भी बताया,
लेकिन सेक्रेटरी व प्रधान प्रतनिधि क़े सहयोग से सरकारी नोटिस को ठंडे बसते में डाल दिया गया,
न तो जाँच हुई और न ही कड़े निर्देश दिए गए,
मीडिया कर्मियों को ज़ब जानकारी मिली तो सच्चाई उजागर हुई, फिर भी नहीं हुई जाँच व करवाई,
बताते चले की ज़ब इस खबर की जानकारी मीडिया कर्मियों को प्राप्त हुई तो उन्होंने प्रिंट मीडिया व डीजटल मीडिया व न्यूज पोर्टल पर खबरों को उजागर किया, और BDO फखरपुर से K सन्देश 24 क़े संपादक ने फ़ोन पर जानकारी प्राप्त की तो BDO फखरपुर ने अपनी सफाई में कहा की मुझे अभी इसकी स्पष्ट जानकारी प्राप्त नहीं है, मामला संज्ञान में है त्वरित ही जाँच की जाएगी और अगर ऎसी बात है तो निष्पक्ष करवाई की जाएगी,
मामला क्यों है ठंडे बसते में, उठ रहे है प्रसासन पर सवाल?
बताते चले की लगभग 15/20 दिनों से ये खबर सोशल मीडिया व मीडिया पर जमकर प्रकाशित हो रहीं है, फिर भी पंचायत सहायक पर जाँच नहीं बैठी है और न ही करवाई हुई है,
क्यों मामले को ठंडे बसते में डाल दिया गया है इसकी स्पष्ट जानकारी अभी प्राप्त नहीं हुई है,
ऐसे कारनामो से प्रसासन पर गंभीर सवाल उठ रहे है, और प्रसासन चुप्पी साधे हुई है,
दों दिनों की अवकाश क़े लिए लगायी थी अर्ज़ी जिसको ब्लॉक सचिव ने किया था ख़ारिज और दिए थे सख्त निर्देश,
बताते चले की पंचायत सहायक ने दो दिनों क़े अवकाश क़े लिए एक लेटर लिखा था जिसमे उन्होंने बीमार होने की बात बताई थी जिसपे ब्लॉक सचिव फखरपुर ने साफ इंकार किया था और कहाँ था की ' 25/26/27 को सुशासन दिवस है हम अवकाश नहीं दे सकते, आपको मौजूद रहना अतिआवश्यक व अनिवार्य है,
कड़े निर्देश क़े बाद भी नहीं हुई उपस्थिति,
ब्लॉक सचिव क़े कड़े निर्देश क़े बाद भी पंचायत सहायक श्रीमती प्रिया सिंह की उपस्थिति नहीं हो सकी,
और समीक्षा मीटिंग में भी नजर नहीं आयी,
अब सवाल ये उठ रहा है की पंचायत सहायक क़े इतने मनमानी पर आखिर कौन उनको सहयोग कर रहा है और इस परिकरण में उनको कौन हौसला दे रहा है
क्या उत्तर प्रदेश सरकार में ऐसे पंचायत सहायक को मनमानी करने की छुट है या फिर कोई ऎसी ताकत है जो ऐसे कारनामें करने में पूरा साथ देती है,
क्या होंगी करवाई या फिर ऐसे ही सब मिलीभगत क़े जरिये चलता रहेगा,
ऐसे मामले ज़ब मीडिया क़े संज्ञान में आते है तभी उजागर होते है, उजागर होने क़े बाद भी करवाई न हो तो समझ सकते है की कही पुख्ता मिलीभगत है, क्यूंकि लगाकर खबरें प्रकाशित होने क़े बाद भी अभीतक कोई जमीनी जाँच व करवाई नहीं हुई है,
आखिर कौन है जो जाँच नहीं करने दे रहा है, आखिर कौन है जो बिना मेहनत तनख्वाह दिलाने में पंचायत सहायक की मदद कर रहा है,
इन्ही सब सवालों क़े साथ जल्दी ही आपको जानकारी दी जाएगी,
धन्यवाद ..
ब्यूरो रिपोर्ट
समी अहमद ' कबीर
