मासूम हुवा जलसाजी का शिकार, महंगे सपने दिखाकर लाखो का फ्राड,
मामला उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले का है, जहाँ पर एक फ्राड कम्पनी के चक्कर में पड़कर पीड़ित के लाखो रूपये फंसे
जिलाधिकारी बाराबंकी व पुलिस अधीक्षक बाराबंकी को दिया शिकायत पत्र, ऑनलाइन पोर्टल पर मुख्यमंत्री को भी भेजा शिकायत पत्र
बाराबंकी/उत्तर प्रदेश
खबर:
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| फाइल फोटो : आरोपी कम्पनी डिजाइन |
हाल ही में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक फिनिक्स वैली इंफ्राटेक लिमिटेड ने प्लॉट बेचने के नाम पर कई लोगों से उनकी मेहनत की कमाई हड़प ली। पीड़ित बृज नरेश ग्राम रमवापुर रघुवीर सिंह तहसील कैसरगंज जिला बहराइच के निवासी का आरोप है कि फिनिक्स वैली के प्रबंधक व कार्यकर्ताओं ने पहले तो बाराबंकी स्थित बड़ेल के सरयू बिहार निकट लखनऊ पब्लिक स्कूल में प्लाट दिखाकर प्लॉट पर आकर्षक ऑफर और झूठे वादों के साथ उन्हें प्लॉट संख्या A32 क्षेत्रफल 1250 वर्ग फीट बुक करने के लिए लुभाया, लेकिन बाद में न तो प्लॉट का मालिकाना हक दिया और ना ही रजिस्ट्री करवाई क्या सूत्रों से मालूम हुआ की प्लॉट के नाम पर कंपनी के मालिक शांतनु सिंह एम,डी अमन सिंह वह दो और गिरोद के सदस्य जिनका नाम कमलेश कुमार पुत्र राम लखन ग्राम निहुरी का पुरवा मजे डूंरी थाना सफदरगंज वह एक शिक्षक उदय प्रताप सिंह ग्राम व पोस्ट खजूरी थाना के निवासी हैं ने 90% पैसा चेक द्वारा हुआ नगद के माध्यम से ले लिए प्लॉट के नाम पर सिर्फ बहकाया और प्लाट देने में आनाकानी करने लगे और काफी समय बीत जाने पर रजिस्ट्री और कब्जा देने से मुकर गए बहुत भाग दौड़ करने पर बात बुजुर्ग को अलग-अलग क्षेत्र में प्लॉट दिखाने लगे और अधिक पैसे की डिमांड करने लगे तभी पीड़ित को ज्ञात सूत्रों द्वारा पता चला यह कंपनी गिरोह बनाकर कई ऐसे ही लोगों को धोखाधड़ी देकर पैसे हड़प लेते हैं घबराकर जब बुजुर्ग रामनरेश ने अपना पैसा मांगा तो बाराबंकी स्थित ऑफिस बुलाकर परेशान किया जाने लगा और गाली गलौज करके जान से मारने की धमकी दी जाने लगी जिससे परेशान होकर पीड़ित ने प्रशासनिक अधिकारियों के संज्ञान में प्रार्थना पत्र दिया इस धोखाधड़ी से प्रभावित लोगों में गुस्सा और निराशा का माहौल है।
क्या मिलेगा न्याय या फिर मामले को डाला जायेगा ठंडे बसते में, उठ रहे है सवाल
जानकारी के मुताबिक, फिनिक्स वैली सीएमडी शांतनु सिंह ने लोगों को कम कीमत पर प्लॉट देने का दावा किया और इसके लिए मोटी रकम एडवांस में जमा करवाई। पीड़ितों का कहना है कि कई महीनों तक टालमटोल करने के बाद बिल्डर अब उनके फोन तक नहीं उठा रहा। कुछ लोगों ने तो अपनी जमा-पूंजी और लोन लेकर इस प्रोजेक्ट में निवेश किया था, लेकिन अब वे ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
पीड़ित अधिकारीयों के लगा रहा है चक्कर,,,बहराइच से रोजाना करता है बाराबंकी का सफर, कि अब मिलेगा इंसाफ
स्थानीय प्रशासन के पास शिकायत दर्ज की गई है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। पीड़ितों ने प्रशासन से इस मामले में सख्त कदम उठाने की मांग की है, ताकि उनकी मेहनत की कमाई वापस मिल सके और दोषी बिल्डर को सजा दी जा सके। इस घटना ने एक बार फिर रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी को उजागर किया है।
अंतिम अपील:
पीड़ितों ने सरकार और संबंधित अधिकारियों से गुहार लगाई है कि इस तरह के धोखेबाजों पर नकेल कसी जाए, ताकि भविष्य में कोई और इस तरह की ठगी का शिकार न हो। यह खबर उन सभी के लिए एक चेतावनी है जो बिना पूरी जांच-पड़ताल के बड़े निवेश के फैसले लेते हैं
