बालू खनन माफियाओ ने अलीपुर वजीरगंज सम्पर्क मार्ग को नर्क में किया तब्दील, प्रसासन भी साधे है चुप्पी

फाइल फोटो : नंदवल बाजार ( अलीपुर-वजीरगंज) सम्पर्क मार्ग


बालू माफियाओ ने बदल दी रास्ते कि तस्वीर, हालात ऐसे कि जिंदगी दुस्वार,

क्या है पूरा मामला आये विस्तार से समझे?


 जनपद बहराइच के थाना बौडी व फखरपुर अंतर्गत के अंतर्गत अलीपुर से वजीरगंज सम्पर्क मार्ग जो - नेशनल राज्यमार्ग लखनऊ नेपाल को जोड़ता है, उस रास्ते के हालात बहुत ही दुर्लभ है,

कई बार स्थानीय पत्रकारों ने अपने अपने न्यूज़ चैनलों व अखबारों के माध्यम से खबरों को प्रकाशित किया है फिर भी प्रसासन ने कोई भी समाधान नहीं निकाला, रास्ते कि हालात ऎसी कि देखा न जाये,

पूरा मार्ग जानलेवा गड्ढों से तब्दील है, और स्थानीय निवासी व राहगीरों के रोजाना मौत का जोखिम,


क्यों है ऐसे हालात, क्या है असली वजह?

आये दिन कोई न कोई पत्रकार साथी इस रास्ते के संबंध में खबरों को प्रकाशित करता ही रहता है, लेकिन इसकी असलियत क्या है ज़ब मीडिया कर्मी समी अहमद कबीर ने मौक़े का जायजा लिया तो कुछ खुलासे चौकाने वाले निकल कर आये,,?

ग्राउंड रिपोर्ट मे पता चला कि बौडी के रास्ते जो नदी से बालू का खनन होता है तो सारे ट्रक लोडिंग इसी रास्ते पर गुजरते है, बालू लड़े सैकड़ो ट्रक रोजाना इसी रास्ते से गुजरते है, और रास्ते को बदतर बनाने में अहम भूमिका बालू खनन माफियाओ कि ही है, सूत्रों के हवाले से यहां तक ये भी जानकारी प्राप्त हुई कि बालू खनन माफियाओ पर प्रसासन मेहरबान है, दिन रात होता है बालू का खनन, और गुजरते है ट्रक, जिससे रास्ता पूरो तरह से दुर्लभ व छतिग्रस्त है,

उठ रहे है गंभीर सवाल, आखिर खनन माफियाओ को क्यों मिली है छुट?

बताते चले कि अगर इलाके का किसान अपने खेत से मिट्टी ट्रेक्टर व मशीन से खुदवाकर अपनी जमीन समतल करता है तो तहसील प्रसासन व खनन विभाग कि टीम ट्रेक्टर व मशीन को सीज करके थाने में जमा करती है, लेकिन सबके नजरो के सामने बालू खनन माफियाओ ( ठेकेदार ) रोजाना सैकड़ो ट्रक से बालू लेकर निकलते है कोई पूंछताछ या करवाई क्यों नहीं,
आखिर प्रसासन का दोहरा नजरिया क्यों, उठते है गंभीर सवाल?

कई बार हो चुके है जानलेवा हादसे, कइयों कि गई है जान!

बताते चले कि बहराइच जिला के थाना बौडी व फखरपुर के बीच से गुजरने वाला अलीपुर वजीरगंज मार्ग कई बार हादसों को अंजाम दें चुका है, लोडर ट्रक के निरंतर गुजरने से रास्तो में जानलेवा गड्ढे बन चुके है, बारिस के समय में जानलेवा गड्ढे दिखाई नहीं देते जिससे मोटरसाइकल व छोटी 4 पहिया वाहन से यात्रियों को जानमाल का नुकसान होता है, लेकिन इस गंभीर विषय पर प्रसासन अपनी कोई प्रतक्रिया नहीं देती है,



स्थानीय व्यापारियों में व राहगीरों में काफी रोष है, जिल्ल्त कि जिंदगी जीने पर मजबूर है,


ज़ब वरिष्ठ पत्रकार व संपादक K सन्देश 24, समी अहमद ' कबीर ने अलीपुर - वजीरगंज सम्पर्क मार्ग पर स्थिति ग्राम पंचायत नंदवल के कुछ व्यापारीयों ने इस समस्या के बारे में पूंछताछ किया तो उन्होंने बताया!

1 - आये दिन हादसे होते रहते है, कोई सुनता नहीं है, हम इसी बदहाली में व्यापार करें कि अपनी जान बचाये, :स्थानीय व्यपारी

2- लोडिंग ट्रक ज़ब गुजरते है तब भयानक धूल उड़ती है जिससे किराना व आभूषण कि दुकानों पर काफी प्रभाव पड़ता है, धूल के कारण छोटे दुकानदार जैसे चाट, समोसा, चाय वगैरह बेंचने वाले नहीं लगा पाते दुकान, होता है बहुत ही नुकसान, : स्थानीय व्यापारी

3 - बारिस में रास्ते पर भर जाता है पानी, जिससे काम पूरी तरह रास्ता ख़राब होने कारण बंद हो जाता है, पता नहीं कब सरकार को हमारी समस्या दिखेगी, : स्थानीय व्यापारी

4- इसी रास्ते पर धूल उड़ाते विधायक, सांसद, जिलापंचायत सदस्य व मंत्रियो का काफिला भी गुजरता है लेकिन उनको ज़ब यहां रहना नहीं तो कैसे अहसास हो कि हमको परेशानी है : स्थानीय व्यापारी 


क्या इन समस्याओ का समाधान सरकार जल्दी करेंगी या फिर ऐसे ही आम जनमानस को बदहाली पर छोड़ दिया जायेगा?

अब सवाल ये बनता है कि इतने बदतर हालातों पर भी प्रसासन चुप क्यों है, शांत क्यों है, आखिर क्यों बालू खनन माफियाओ पर नकेल कसी जा रहीं है, क्यों कुछ ठेकेदारों को फायदा पहुँचाने के लिए हज़ारो ग्रामीणों कि जिंदगी से खेला जा रहा है, आखिर कब यहां कि आवाम को सुकून कि जिंदगी जीने का मौका मिलेगा, आखिर कबतक स्थानीय व्यापारी निराश रहेंगे,
इन्ही सब सवालों के इंतज़ार में है अभीतक ग्रामीण, राहगीर, व्यापारी बंधु '



🖋️ ब्यूरो रिपोर्ट 
समी अहमद ' कबीर 
संपादक / लेखक - K सन्देश 24

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